पहले हम गुण्डे है फिर पत्रकार : नितिन दुबे ‘‘प्रदेश टुडे’’
भोपाल से अजय शर्मा की रिपोर्ट
पत्रकारिता अगर गुण्डे बदमाशों का हथियार बन जाये तो पत्रकारिता का सत्यनाश होना तय है वहीं हो रहा है आजकल दैनिक ‘‘प्रदेश टुडे’’ में जो भोपाल से प्रकाशित होता है। चोरी फिर ऊपर से सीना जोरी। प्रदेश टुडे प्रबन्धन अपने विज्ञापनदाताओं के साथ धोखाधड़ी कर रहा है। वहीं अपने लुटेरेपन की हरकतों पर पर्दा डालने के लिए धमकाने, जान से मारने, उठा लेने और गाली गलौच पर उतर आया है। वाक्या ऑल इण्डिया स्माल न्यूज पेपर्स ऐसोसिएशन ‘‘आइसना’’ पत्रकारों के समुह के पैतालीस हजार रूपये लेकर विज्ञापन नही छापने का है, जो सीधे-सीधे विश्वासघात है। वहीं विज्ञापन नहीं छापा गया तो ईमानदारी इस बात की होनी चाहिए की रूपया वापस कर दें। परन्तु जब नियत में खोट हो तो ‘‘राम नाम जपना पराया माल अपना’’ लगता है तो सीधे सीधे यही बताना चाहता हूं कि वेश्या भी रकम लेकर अपना वचन ईमानदारी से निभाती है, ये तो उनसे भी गये बीते है जो माल भी ले लिया और पेट पर हाथ फेरते गर्राते हुए डकारे ले रहे है। परन्तु उनको यह जान लेना चाहिये, कि विज्ञापनदताओं के साथ लूट ज्यादा दिन नहीं चलेगी बदहजमी हो गई तो, कहीं न कहीं औकना भी पड़ेगी।
सतीश पीम्पले के गुण्डे की धमकी
‘‘प्रदेश टुडे’’ के पत्रकार नितिन दुबे का कहना है कि ‘‘मैं पहले गुण्डा हूं फिर पत्रकार‘‘ यह उन्होंने विनय डेविड के मोबाइल पर धमकी देते हुए कहा, क्योंकि वो अपने ‘‘प्रदेश टुडे’’ के कर्मकांडों में उलझ गया है और थाना एम.पी.नगर मे शिकायत होने पर छटपटा रहा है। वो भी जानता है कि प्रबन्धन ने कहीं न कहीं विश्वासघात किया है। परन्तु जो उसने किया वो गलत है उसने दिनांक 01 अक्टूबर 2011 को दोपहर 2.50 मिनिट पर मोबाइल पर फोन न. 0755- 3095500 जो ‘‘प्रदेश टुडे’’ का नम्बर है से गालियां दी और हाथ पैर तोडऩे, उठा लेने की धमकी दी, वही सतीश पिम्पले द्वारा सुपारी लेने की बात कहीं। त्वरित जिसकी शिकायत विनय डेविड ने थाना एम.पी.नगर को लिखित में दी और उक्त गुण्डे बनाम पत्रकार नितिन दुबे के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की।
ज्ञात हो कि ‘‘प्रदेश टुडे’’ को 11 सितम्बर 2011 को ‘‘आइसना सम्मान समारोह 2011’’ का विज्ञापन प्रकाशित करने को दिया था, जो प्रदेश टुडे के सतीश पिम्पले द्वारा प्रकाशित नही किया गया, जिसके लिये ‘‘प्रदेश टुडे’’ को पैतालीस हजार रूपये नगद दिये गये जो वापस मांगे तो उन्होंने देने से इंकार कर दिया वही दबगंई दिखाते हुए सुपारी लेने और निपटाने की धमकियां दी, जिसके लेन देन में नितिन दुबे, उपदेश अवस्थी, विभूति शामिल है।