Thursday, February 17, 2011

'कलिनायक' के लेखक और प्रकाशक को एमपी पुलिस ने नोटिस भेजा

'कलिनायक' के लेखक और प्रकाशक को एमपी पुलिस ने नोटिस भेजा

समाचार पत्र दैनिक भास्‍कर के मालिक रमेश अग्रवाल को 'कलिनायक' नामक पुस्‍तक में कलयुग का खलनायक बताने वाले लेखक धर्मेन्‍द्र शर्मा तथा इस किताब को अपनी वेबसाइट पर डालने के मामले में प्रकाशक को नोटिस भेजा गया है. यह नोटिस मध्‍य प्रदेश साइबर पुलिस ने भेजा है. एक व्‍यक्ति द्वारा इस मामले की शिकायत किए जाने के बाद नोटिस भेजा गया है. प्रभावशाली लोगों का मामला होने के चलते पुलिस भी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है.
इस किताब में देश के बड़े समाचार पत्रों में एक दैनिक भास्‍कर के मालिक रमेश अग्रवाल को खलनायक बताया गया है. इस किताब में उनके जन्‍म से लेकर अभी तक के उपलब्धियों को मय प्रमाण बताया गया है. रमेश अग्रवाल द्वारा किए गए भ्रष्‍टाचारों को अहम मुद्दा बनाया गया है. 'कलिनायक'  में रमेश अग्रवाल की षणयंत्रकारी नीतियों का विस्‍तार से खुलासा किया गया है. भास्‍कर ने भी धन के लालच में अपने चेयरमैन के काले चिट्ठे खोलने वाले इस किताब का विज्ञापन 24700 में प्रकाशित कर उनके इज्‍जत को बेआबरू कर दिया था.
'कलिनायक' के प्रकाशक 'राजस्‍थान कलिनायक बीकानेर' बाकायदा इस किताब के सारे अध्‍याय अपनी वेबसाइट पर भी लोड किया है. इस वेबसाइट द्वारा पाठकों को करोड़पति बनने के अवसर भी प्रदान किए गए हैं. परन्‍तु अब इस साइट, किताब के लेखक एवं प्रकाशक की मुश्किलें बढ़ गई हैं. शिकायत के बाद मध्‍य प्रदेश की भदभदा रोड साइबर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. इस मामले को अपराध प्रकरण संख्‍या 1/11 धारा 500,  501, आईपीसी आईटी एक्ट के तहत विवेचना एवं कथन के लिए राज्य साइबर क्राइम सेल ने 'कलिनायक' के कर्ताधर्ताओं को नोटिस जारी कर तलब किया है.
नोटिस
भोपाल से विनय जी. डेविड की रिपोर्ट.
Comments (1)Add Comment
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written by मदन कुमार तिवारी , February 18, 2011
आईपीसी की धारा ५०० और ५०१ दोनो नान कागनिजेबल हैं । पुलिस बिना न्यायिक मजिस्ट्रेट की अनुमति के इन्वेस्टीगेशन नही कर सकती । अपने वकील महोद्य से कहो सीआरपीसी की धारा १५५ की सब धारा (१) (२) पढ लें । उसके बाद भी समझ में न आये तो माल मुद्रा खर्च करें बंदा हाजिर है।

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